विषय- सूची
लेखक /शास्त्राकार
शास्त्र
कालजयी, जीवन और व्यर्थ साहित्य
भाग-1: शास्त्र
महर्षि वेदव्यास
लेखकों /शास्त्राकारों के आदि पुरूष प्रतीक व्यास
वेदव्यास शास्त्र लेखन कला
“सम्पूर्ण मानक”का विकास भारतीय आध्यात्म-दर्शन का मूल और अन्तिम लक्ष्य
युगानुसार धर्म, प्रवर्तक और धर्मशास्त्र
व्यष्टि और समष्टि धर्मशास्त्र
शास्त्रार्थ, शास्त्र पर होता है, शास्त्राकार से और पर नहीं
जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द
अन्य वक्तव्य
भाग-2 : सत्य शास्त्र
हरिवंश राय बच्चन – “मधुशाला”
स्वामी अड़गड़ानन्द – “यथार्थ गीता”
मनु शर्मा – “कृष्ण की आत्मकथा”
बिल गेट्स – “बिजनेस @ द स्पीड आफ थाट”
स्टीफेन हाकिंग – “समय का संक्षिप्त इतिहास”
भाग-3 : विश्वशास्त्र
लव कुश सिंह “विश्वमानव”
विश्वशास्त्र की स्थापना
रचना क्यों?
आविष्कार किस प्रकार हुआ?
उपयोगिता क्या है?
बाद का मनुष्य, समाज और शासन
कितना छोटा और कितना बड़ा?
एक ही शास्त्र-साहित्य के विभिन्न नाम
विश्वव्यापी स्थापना का स्पष्ट मार्ग
सम्बन्धित स्थान?
नयी प्रणाली और व्यापार का आधार
कल्कि महाअवतार से उत्पन्न नयी प्रणाली और व्यापार
अ. ज्ञान से जुड़ा व्यापार - नयी प्रणाली और व्यापार
01. भारतीय आध्यात्म एवं दर्शन आधारित
स्वदेशी विपणन प्रणाली : 3-एफ (3-F : Fuel-Fire-Fuel)
02. कार्पोरेट विश्वमानक मानव संसाधन विकास प्रशिक्षण
(Corporate World Standard Human Resources Development Training)
03. विश्व राजनीति पार्टी संघ (World Political Party Organisation - WPPO)
04. नयी पीढ़ी के लिए नया विषय - ईश्वर शास्त्र, मानक विज्ञान, एकात्म विज्ञान
05- विश्वशास्त्र पर आधारित आडियो-विडियो
06. मनोरंजन - नयी प्रणाली और व्यापार
01. फिल्म
02. टी0 वी सिरियल –
03. गीत
ब. जीवन से जुड़ा व्यापार - रियल स्टेट - नयी प्रणाली और व्यापार
01. “सत्यकाशी महायोजना” (वाराणसी-विन्ध्याचल-शिवद्वार-सोनभद्र के बीच का क्षेत्र)
02. डिजिटल प्रापर्टी और एजेन्ट नेटवर्क (Digital Property & Agent Network)
स. कर्म से जुड़ा व्यापार - नयी प्रणाली और व्यापार
01. उत्पाद ब्राण्ड
02. कैलेण्डर
03. शिक्षा ब्राण्ड - सत्य मानक शिक्षा (परियोजना पुनर्निर्माण- PROJECT RENEW)
04. राष्ट्र निर्माण के पुस्तक
विश्व सरकार के लिए पुनः भारत द्वारा शून्य आधारित अन्तिम आविष्कार
श्रीमदभवद्गीता की शक्ति सीमा तथा कर्मवेद: पंचमवेद समाहित विश्वशास्त्र के प्रारम्भ का आधार
कालभैरव कथा: यथार्थ दृष्टि
एक ही मानव शरीर के जीवन, ज्ञान और कर्म के विभिन्न विषय क्षेत्र से मुख्य नाम
भाग-4 : समष्टि धर्म दृष्टि
अनिर्वचनीय कल्कि महाअवतार भोगेश्वर श्री लव कुश सिंह “विश्वमानव” का मानवों के नाम खुला चुनौती पत्र
अनिर्वचनीय कल्कि महाअवतार का काशी-सत्यकाशी क्षेत्र से विश्व शान्ति का अन्तिम सत्य-सन्देश
Details
- Publication Date
- Mar 1, 2024
- Language
- Hindi
- Category
- Religion & Spirituality
- Copyright
- All Rights Reserved - Standard Copyright License
- Contributors
- By (author): Lava kush Singh
Specifications
- Format
- EPUB