![संविधान और विश्व संविधान](https://assets.lulu.com/cover_thumbs/8/4/84n9mpq-ebook-shortedge-384.jpg)
विश्वमानव
प्रकृति प्रदत्त नाम के अलावा जब व्यक्ति को आत्मज्ञान होता है तब वह स्वयं अपने मन स्तर का निर्धारण कर एक नाम स्वयं रख लेता है।
जिस प्रकार
”कृष्ण“ नाम है ”योगेश्वर“ मन की अवस्था है,
”गदाधर“ नाम है ”राम कृष्ण परमहंस“ मन की अवस्था है,
”सिद्धार्थ“ नाम है ”बुद्ध“ मन की अवस्था है,
”नरेन्द्र नाथ दत्त“ नाम है ”स्वामी विवेकानन्द“ मन की अवस्था है, ”रजनीश“ नाम है ”ओशो“ मन की अवस्था है।
उसी प्रकार “लव कुश सिंह” नाम है ”विश्वमानव“ मन की अवस्था है और उसी प्रकार व्यक्तियों के नाम, नाम है ”भोगेश्वर विश्वमानव“ उसकी चरम विकसित, सर्वोच्च और अन्तिम अवस्था है जहाँ समय की धारा में चलते-चलते मनुष्य वहाँ विवशतावश पहुँचेगा।
Details
- Publication Date
- Mar 1, 2024
- Language
- Hindi
- Category
- Social Science
- Copyright
- All Rights Reserved - Standard Copyright License
- Contributors
- By (author): Lava kush Singh
Specifications
- Format
- EPUB