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Girah

Girah

ByPurnima DasMohammad Adnan Rabbani

Usually printed in 3 - 5 business days
"गिरह" इस किताब के बारें मे लेखिका कहती है कि इसे शायद कविता या कहानी का संग्रह कहना सही नहीं है, वास्तव मे यह किताब केवल लेखिका के मन मे विभिन्न परिस्थितियों मे मन मे उठते भाव को खुद मे समेटे हुए है। इस किताब की हर पंक्ति मे आप प्रेम तथा पीड़ा के भाव को निरंतर देख सकेंगे, लेखिका के अनुसार वें प्रेम और पीड़ा के भाव पर लिखना अधिक पसंद करती है क्योकिं वें मानती है कि प्रेम और पीड़ा ऐसे दो भाव है जिन्हें एक नवजात शिशु से लेकर युवा, बुजुर्ग और सभी महसूस कर सकते है । "गिरह" शब्द का अर्थ होगा है 'बन्धन', ठीक किताब के नाम की ही तरह पाठक भी किताब के प्रति एक बन्धन को महसूस कर सकेंगे। इस किताब मे अलग अलग कई परिस्थितियों के भावों को संकलित किया गया है जैसे- प्रेम, विरह, मातृत्व, पितृत्व, जीवन, मृत्यु इस पुस्तक मे इन हर एक भाव को देखा जा सकता है। यह पुस्तक पाठक के अनुसार ही अपना रूप गृहण कर लेगी कुछ पाठक इसे कविता के रूप मे तो कुछ कहानी के रूप मे देख सकेंगे तो कुछ पाठकों को इस पुस्तक मे अपना जीवन भी दिखाई देगा। यह पुस्तक कविता के मापदंडो के दृष्टि से अपूर्ण है परंतु इसमें भावनाओ और भावुकता की पूर्णता है । आशा है कि यह पुस्तक सभी पाठकों के मन मे अपना स्थान बना पाएगी और इसे पाठकों का अधिक से अधिक प्रेम मिलेगा।

Details

Publication Date
Oct 2, 2021
Language
Hindi
ISBN
9789392388033
Category
Fiction
Copyright
All Rights Reserved - Standard Copyright License
Contributors
By (author): Purnima Das, Cover design or artwork by: Mohammad Adnan Rabbani

Specifications

Pages
57
Binding Type
Paperback Perfect Bound
Interior Color
Black & White
Dimensions
A5 (5.83 x 8.27 in / 148 x 210 mm)

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